जवाहर मार्ग पर फ्लाइओवर बनाएगा निगम

इंदौर. जवाहर मार्ग पर फ्लाईओवर का प्रस्ताव 11 साल बाद फिर फाइलाें से बाहर आ गया। निगम प्रशासक की जिम्मेदारी संभालने के छठवें दिन संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी द्वारा ली गई बैठक में फ्लाईओवर का प्रस्ताव फिर से निकाला गया है। ब्रिज की व्यवहारिकता तय करने के लिए 15 दिन में फिजिबिलिटी सर्वे करने के भी निर्देश दिए। बताया गया कि 60 कराेड़ रुपए से ज्यादा में यह फ्लाईओवर बनेगा। 



महापौर बनने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया था प्रोजेक्ट
जवाहर मार्ग पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव 11 साल पहले भी तैयार किया गया था, लेकिन विधानसभा क्षेत्र 4 की विधायक मालिनी गौड़ ने विरोध कर निरस्त करवा दिया था। उसके बाद मालिनी इंदौर नगर निगम की महापौर बन गई थी जिसके चलते यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब उनका महापौर कार्यकाल खत्म होते ही फिर इस प्रस्ताव पर शासन सक्रिय हो गया है। जवाहर मार्ग पर एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव करीब 11 साल पहले तत्कालीन महापौर डॉ. उमाशशि शर्मा ने बनाया था। इसके भूमिपूजन के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आ गए थे। हालांकि विधायक गौड़ ने व्यापारियों के साथ इसके विरोध में धरना देने की बात कही थी। इस पर प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। महापौर बनने के बाद गौड़ ने इसके विकल्प के रूप में सरवटे से गंगवाल बस स्टैंड का काम शुरू करवाया दिया था। निगम परिषद का कार्यकाल 19 फरवरी को पूरा होने के बाद अधिकारियों को इस प्रस्ताव की फिर याद आ गई।



सुझाव : राज मोहल्ला से संजय सेतु तक के हिस्से में ही बनाएं फ्लाईओवर
बैठक में संभागायुक्त ने इस फ्लाईओवर को लेकर चर्चा की। इस पर निगमायुक्त आशीष सिंह ने कहा कि इसका फिजिबिलिटी सर्वे करवाना जरूरी है। 11 साल पहले और अब की स्थिति और ट्रैफिक में बहुत फर्क आ गया है। यह भी देखना है कि कितने वाहन चालक हैं जो सीधे राज मोहल्ला से पटेल ब्रिज तक आना-जाना करते हैं। बैठक में ब्रिज को राज मोहल्ला से संजय सेतु तक ही रखने पर भी चर्चा हुई। यह भी बात आई कि इसकी भुजाएं संजय सेतु और कुछ स्थानों पर दी जाएं। संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसका फिजिबिलिटी सर्वे 15 दिन में पूरा करवाएं।